| 1. | होइहि संतत पियहि पिआरी॥सदा अचल एहि कर अहिवाता।
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| 2. | हम संतत तिनु चरहिं वचन उच्चरहिं दीन होइ
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| 3. | तव माया बस जीव जड़ संतत फिरइ भुलान।।
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| 4. | पीड़हि संतत जीव कहँु सो किमि लहै समाधि।।
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| 5. | संतत संपति जानि कै, सबको सब कुछ देत
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| 6. | पीड़हिं संतत जीव कहुँ सो किमि लहै समाधि।।
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| 7. | यदि गहराईपूर्वक देखा तो इस सृष्टि में संतत (
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| 8. | संतत एक्स-किरण स्पेक्ट्रम की विशेषताएँ [संपादित करें]
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| 9. | संकल्प-विकल्पों की संतत भँवरों में निन्दा, घृणा और ईर्ष्या
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| 10. | भिन्न प्रकार के संतत वर्णक्रम का अनुकरण करती हैं।
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