| 1. | ड़ी के संदीपक हो, मित्रों ने पाया उजिया...
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| 2. | संदीपक के मन में लेशमात्र भी क्षोभ नहीं हुआ।
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| 3. | पुत्र संदीपक! तुम धन्य हो! तुम सच्चिदानन्दस्वरूप हो।
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| 4. | ऐसा सुनकर भगवान विष्णु ने संदीपक को गले लगा लिया।
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| 5. | संदीपक ने ऐसी श्रद्धा रखी थी।
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| 6. | संदीपक ने जाकर देखा तो वेदधर्म मुनि स्वस्थ बैठे थे।
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| 7. | गुरुभक्त संदीपक ने कहाः ” प्रभु! मुझे कुछ नहीं चाहिए।
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| 8. | आज संदीपक जैसे सत्शिष्यों की गाथा का वर्णन सत्शास्त्र कर रहे हैं।
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| 9. | गुरु के संतोष से संदीपक गुरुतत्त्व में जग गया, गुरुस्वरूप हो गया।
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| 10. | भगवान विष्णु भी संतुष्ट हो संदीपक के पास वरदान देने के लिए प्रकटे।
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