| 1. | के संपात का पाठ्यांक प्राप्त किया जाता है।
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| 2. | ग्रहकक्षा और क्रांतिवृत्त के संपात को पात कहते हैं।
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| 3. | इन संपात बिंदुओं को राहु और केतु कहते हैं।
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| 4. | ग्रहकक्षा और क्रांतिवृत्त के संपात को पात कहते हैं।
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| 5. | शरद संपात 21-22 सितंबर को होता है।
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| 6. | प्रबल घनन संपात, हुई विचलित तब गंगा।
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| 7. | तारों (wires) के संपात का पाठ्यांक प्राप्त किया जाता है।
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| 8. | क्रांतिवृत्त तथा खगोलीय विषुवद्वृत्त के संपात को विषुवबिंदु कहते हैं।
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| 9. | वर्ण और बाह्य वातावरण की अनुरूपता केवल संपात ही नहीं है।
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| 10. | संपात और अयन निसर्गसिद्ध हैं, इस संबंध में कोई मतभेद नहीं है।
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