| 1. | इसे संपुटक चुंबन कहा गया है।
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| 2. | यह चुंबन ज्यादातर पुरुष लेता है, लेकिन स्त्रियां भी बिना मूंछों वाले पुरुष का संपुटक चुंबन आसानी से ले सकती हैं।
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| 3. | अध: स्तर या अधिस्तर के आगे या पीछे के फलक पर संपुटक की परत चढ़ाई जाती है, जो आमतौर पर कांच की एक पत्तर होती है.
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| 4. | अध: स्तर या अधिस्तर के आगे या पीछे के फलक पर संपुटक की परत चढ़ाई जाती है, जो आमतौर पर कांच की एक पत्तर होती है.
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| 5. | अन्य आसन: 1. उत्फुल्लक, 2. विजृम्भितक, 3. इंद्राणिक, 4. संपुटक, 5. पीड़ितक, 6.
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| 6. | अध: स्तर या अधिस्तर के आगे या पीछे के फलक पर संपुटक की परत चढ़ाई जाती है, जो आमतौर पर कांच की एक पत्तर होती है.
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| 7. | * संपुटक चुंबन के क्रम में वह साथी जिसे चूमा जा रहा है, वह अपनी जिह्वा से चूमने वाले के दांतों, तालु व जीभ के अगले भाग को रगड़े।
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| 8. | संभोग के आसनों का नाम: आचार्य बाभ्रव्य ने कुल सात आसन बताए हैं-1. उत्फुल्लक, 2. विजृम्भितक, 3. इंद्राणिक, 4. संपुटक, 5. पीड़ितक, 6. वेष्टितक, 7.
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