1 [153 क. धर्म, मूलवंश, भाषा, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना-जो कोई-
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भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए के अनुसार यदि कोई व्यक्ति धर्म, मूलवंश, भाषा इत्यादि के आधारों पार विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करता है तो वह इस धारा के अंतर्गत अपराध करने का दोषी है।
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लीगल गार्जियनशिप-राष्ट्रीय न्यास उन नि: शक्त व्यक्तियों के माता पिता की मृत्यु की दशा में देखभाल और संरक्षण के लिए उपायो का संप्रवर्तन करती है साथ ही उन नि: शक्तजनों के लिए जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है संरक्षक और न्यासी नियुक्त करने की प्रक्रिया तय करती है ।