संविभ्रमी व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, अति संवेदनशीलता और आत्मविश्वास की कमी होती है।
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संविभ्रमी व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, अति संवेदनशीलता और आत्मविश्वास की कमी होती है।
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संविभ्रमी व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, अति संवेदनशीलता और आत्मविश्वास की कमी होती है।
5.
संविभ्रमी व्यक्ति को अपनी योग्यता, प्रभुता, पद की वरिष्ठता, या निरंतर यातना का भ्रम होता है।
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संविभ्रमी व्यक्ति को अपनी योग्यता, प्रभुता, पद की वरिष्ठता, या निरंतर यातना का भ्रम होता है।
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संविभ्रमी व्यक्ति को अपनी योग्यता, प्रभुता, पद की वरिष्ठता, या निरंतर यातना का भ्रम होता है।
8.
भावात्मक विकार, जुनूनी बाध्यकारी अवस्थाएं, जीर्ण अधीरता अवस्थाएं और अन्य गैर-खंडितमनस्कता की स्थितियां, संविभ्रमी खंडितमनस्कता की स्थिति, खंडितमनस्कता के अनिर्धारित या मिश्
9.
मनोभ्रंश में व्यवहारीय तथा व्यक्तित्व परिवर्तन भी हो सकता है उदाहरणार्थ एक संविभ्रमी संदेह कि दूसरे उनकी संपत्तियों को चुरा रहे हैं।
10.
समाज में कुछ चिरकालिक मंद संविभ्रमी व्यक्ति सामान्य जीवनयापन करते है और अनावश्यक रूप से सतर्क होने के कारण अपने परिवार और घनिष्ट मित्रों को ही खटकते हैं।