| 1. | मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुष संश्रय: || ३ ||
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| 2. | इसका नाभिक मजदूर किसान संश्रय है ।
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| 3. | अतः अब उनके सामने संश्रय भी एकदम स्पष्ट था।
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| 4. | यह आधार बनता है संश्रय का।
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| 5. | साम्राज्यवादियों के साथ तथाकथित रणनीतिक संश्रय का नतीजा भी है।
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| 6. | बाबा ने अपने पत्र में लिखा है-दुर्लभं त्रयमेवैतत्देवानुग्रहहेतुकम्मनुष्यत्वंमुमुक्षुत्वंमहापुरुष संश्रय: ।।
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| 7. | उसे अन्य वर्गों के साथ संश्रय बनाना पड़ता है ।
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| 8. | सहजानन्द सरस्वती द्वारा सुझाया गया किसान-मजूर संश्रय का रास्ता यदि मध्य
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| 9. | मजदूर फ्रण्ट पर लगाकर एक साथ संश्रय से किसान-मजदूर सफल हड़ताल करवाकर
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| 10. | क्रान्तिकारी लोग इस दिशा में किसान-मजूर संश्रय बनाकर उन्मुख होते हैं तब
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