ट्रांज़िस्टर के विकास के लिये अर्धचालकों मे एलेक्ट्रोंनों के सचलन को समझना महत्वपूर्ण था।
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ट्रांज़िस्टर के विकास के लिये अर्धचालकों मे एलेक्ट्रोंनों के सचलन को समझना महत्वपूर्ण था।
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ट्रांज़िस्टर के विकास के लिये अर्धचालकों मे एलेक्ट्रोंनों के सचलन को समझना महत्वपूर्ण था।
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अगर डायोड के उत्सर्जक (एमिटर) और समाहर्ता (कलेक्टर) के बीच के इस सचलन को किसी तरह नियंत्रित किया जा सके, तो (ऐम्प्लीफायर) का विकास किया जा सकेगा।
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अगर डायोड के उत्सर्जक (एमिटर) और समाहर्ता (कलेक्टर) के बीच के इस सचलन को किसी तरह नियंत्रित किया जा सके, तो प्रवर्द्धक (ऐम्प्लीफायर) का विकास किया जा सकेगा।
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अगर डायोड के उत्सर्जक (एमिटर) और समाहर्ता (कलेक्टर) के बीच के इस सचलन को किसी तरह नियंत्रित किया जा सके, तो प्रवर्द्धक (ऐम्प्लीफायर) का विकास किया जा सकेगा।