अर्थ-असुर और देवता, दोनों ही पापों के विनाश एवं पुण्यों के सञ्चय के लिए समधिक यज्ञानुष्ठान ही करते हैं, इसी से यज्ञ श्रेष्ठ माना गया है।
2.
महामहिम भगवान मधुसूदन जिस समय कल्पांत में समस्त लोकों का प्रलय, बात की बात में कर देते हैं, उस समय अपनी समधिक अनुरागवती श्री (लक्ष्मी) को धारण करके-उन्हें साथ लेकर-क्षीर-सागर में अकेले ही जा विराजते हैं।
3.
महामहिम भगवान मधुसूदन जिस समय कल्पांत में समस्त लोकों का प्रलय, बात की बात में कर देते हैं, उस समय अपनी समधिक अनुरागवती श्री (लक्ष्मी) को धारण करके-उन्हें साथ लेकर-क्षीर-सागर में अकेले ही जा विराजते हैं।
परिभाषा
औचित्य, सीमा आदि से बढ़ा हुआ:"अधिक सत्र के न्यायाधीश ने इस मुक़दमें का फ़ैसला किया" पर्याय: अधिक,