स्मरण रहे कि भाषा, समाचार-लेखन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है।
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पेशेवर पत्रकारों से समाचार-लेखन की बात करते समय इसकी चर्चा का एक विशिष्ट उद्देश्य है।
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ये इस श्रृंखला की चौथी कड़ी है जिसमें वो समाचार-लेखन और संपादन की बारीकियों से अवगत करा रही हैं।
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ये इस श्रृंखला की चौथी कड़ी है जिसमें वो समाचार-लेखन और संपादन की बारीकियों से अवगत करा रही हैं।
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यहाँ इसी दृष्टि से हिंदी समाचारों की भाषा पर चर्चा की जा रही है. स्मरण रहे कि भाषा, समाचार-लेखन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है।
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प्रश्न समाचार-लेखन की दो शैलियाँ कौन-कौन सी हैं उत्तर: 1 सीधा पिरामिड शैली-इसमें समाचारों के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य को पहले पैराग्राफ में उससे कम महत्व की सूचना या तथ्य की जानकारी उसक बाद दी जाती है।
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इसके साथ ही मुद्रित माध्यमों की विशेषतायें, समाचार के प्रकार, समाचार के स्रोत, समाचार-लेखन की शैली, लेख, आलेख, फीचर, संपादकीय-लेखन व रिपोर्ट आदि के विशद रूपों से परिचित कराते हुए लेखन-प्रारूप से परिचय कराया, जो प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ही लाभकारी रहा।