उसे समाज-मनोविज्ञान का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है ।
2.
समाज-मनोविज्ञान के बुद्धिस्थों को इस पर शोधशील होने की आवश्यकता है;
3.
इनविधियों की वैज्ञानिकता पर ही समाज-मनोविज्ञान के परिणामों की मान्यता निर्भरकरती है.
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समाज-मनोविज्ञान के बुद्धिस्थों को इस पर शोधशील होने की आवश्यकता है ;
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अतः इस बात को जानना आवश्यक है कि समाज-मनोविज्ञान किन-किन विधियोंका प्रयोग करता है.
6.
अंतरावलोकन तथा सहानुभूति मर्मज्ञान--इन दोनों विधियोंका उपयोग समाज-मनोविज्ञान के क्षेत्र में अब लगभग नहीं के बराबर रह गया है.
7.
समाज-मनोविज्ञान की विधियांअन्य विज्ञानों की भांति वैध परिणामों को प्राप्तकरने के उद्देश्य से समाज-मनोविज्ञान भी कुछ विधियों का प्रयोग करता है.
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समाज-मनोविज्ञान की विधियांअन्य विज्ञानों की भांति वैध परिणामों को प्राप्तकरने के उद्देश्य से समाज-मनोविज्ञान भी कुछ विधियों का प्रयोग करता है.
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" सामाजिक मनोविज्ञान: अध्ययन विधियां विषय परिचय समाज-मनोविज्ञान केअध्ययन में प्रयुक्त विधियों का ज्ञान उसके उद्देश्यों तथालक्ष्योंकी बेहतर जानकारी और समझ के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत कर सकेगा.
10.
डॉ. कविता वाचक्नवी @ अशोक सिंह, वे क्यों ऐसा करती हैं, इसकी तहा में जाने के लिए समाज-मनोविज्ञान पढ़ना होगा, इतने आराम से निष्कर्ष निकालने और स्टेटमेंट देने से काम नहीं सधता।