“ अब मै और क्या कहू? ” ऐसा कुछ कहते हूए समाधिमग्न हो गये।
3.
एक दिन जब श्रीरामकृष्ण समाधिमग्न हुए तो उनका मन ऊपर ही ऊपर उठता चला गया।
4.
यद्यपि पौराणिक लोग इस दोष का मार्जन करने के लिये कहते हैं कि गौड़पाद हिमालय में समाधिमग्न थे और गोविंद को “निर्माणचित्त” में उपस्थित होकर अद्वैततत्व का उपदेश दिया था।
5.
यद्यपि पौराणिक लोग इस दोष का मार्जन करने के लिये कहते हैं कि गौड़पाद हिमालय में समाधिमग्न थे और गोविंद को “निर्माणचित्त” में उपस्थित होकर अद्वैततत्व का उपदेश दिया था।