आधुनिक पश्चिमी दर्शन की बात करें तो वह मुख्यतः संदेहवाद (डेविड ह्यूम), अनुभववाद (जाॅन लाक), समीक्षावाद (इमानुएल कांट), अवयवीवाद (ह्नाइटहैड), विकासवाद (डार्विन, हर्बट स्पेंसर), सर्वेश्वरवाद (स्पिनोजा), यथार्थवाद (रसेल), चिद्बिंदुवाद या आध्यात्मिक बहुत्वाद (लाइबिनित्जि), अस्तित्ववाद (किर्कगाद, सार्त्र), व्यवहारवाद (विलियम जेम्स) आदि दर्जनों धाराओं में बंटा हुआ है.