मैं सम्पूर्णत: उनकी होकर उन्हें सम्पूर्णत: अपना बनाना चाहती हूँ।
3.
प्रस्तुत करते हैं, उन किसानों के लिए श्रम की आपूर्ति सम्पूर्णत: भंग कर
4.
-तो फिर ऐसी ऊल-जलूल बातें क्यों करते हो?-मैं तो सम्पूर्णत: अपने होश में हूं।
5.
लंबी कहानी के लिए जिस अथक अंतर्दृष्टि, विवेक के अटूट तनाव और विषय को जड़-मूल-शाखा और फल-फूल सहित सम्पूर्णत:
6.
आज इस निभृत एकांत में तुम से दूर पड़ी हूँ और तुम क्या जानो कैसे मेरे सारे जिस्म में आम के बौर टीस रहे हैं और उन की अजीब-सी तुर्श महक तुम्हारा अजीब सा प्यार है जो सम्पूर्णत: बाँध कर भी सम्पूर्णत: मुक्त छोड़ देता है!
7.
आज इस निभृत एकांत में तुम से दूर पड़ी हूँ और तुम क्या जानो कैसे मेरे सारे जिस्म में आम के बौर टीस रहे हैं और उन की अजीब-सी तुर्श महक तुम्हारा अजीब सा प्यार है जो सम्पूर्णत: बाँध कर भी सम्पूर्णत: मुक्त छोड़ देता है!