ये तीनों कविता-पुस्तकें अपनी अंतर्वस्तु, शिल्प, संवेदना एवं दृष्टि में एक दूसरे से भिन्न होते हुए भी अपनी सहकालीन उपस्थिति के कारण एक दूसरे से जुड़ती हैं।
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ये तीनों कविता-पुस्तकें अपनी अंतर्वस्तु, शिल्प, संवेदना एवं दृष्टि में एक दूसरे से भिन्न होते हुए भी अपनी सहकालीन उपस्थिति के कारण एक दूसरे से जुड़ती हैं।