| 1. | सूचना तो मिलना चाहिए-सहीपन के लिए।
|
| 2. | पर सहीपन की परम्परा नहीं बन पायी।
|
| 3. | सहीपन की अपेक्षा में ही हम गलती करते हैं।
|
| 4. | सहीपन को अनुभव करने के पक्ष में कम लोग हैं।
|
| 5. | सहीपन की स्वयं में अपेक्षा ही अध्ययन का आधार है।
|
| 6. | कुछ लोग सहीपन को अनुभव करने के लिए भी जुड़े हैं।
|
| 7. | दो अनुभव-संपन्न व्यक्तियों का सहीपन को लेकर एक ही मत होता है।
|
| 8. | सहीपन को व्यक्त करने के पक्ष में काफी लोग सहमत हो गए हैं।
|
| 9. | अपने ग़लत विश्लेषण को छोड़ कर के स्वयं में सहीपन की प्यास को पहचानना ही सह-अस्तित्व-वाद के लिए
|
| 10. | नैतिक और राजनैतिक सहीपन के दावे अथवा अपने ही हाथों अपनी पीठ ठोंकने की प्रवृत्ति बल पकड़ लेती है।
|