अब उसे आवाजें परेशान करने लगीं-मारो, काटो, मादर...विधर्मी है! इतने में ट्रक से कुचलता हुआ साइकिल-सवार कि...कि...च-च-च....बेचारा!
5.
उसे देखते ही साइकिल-सवार, पैदल, इक्के-सभी सवारियां कई फर्लांग पहले ही से खौफ के मारे सड़क से उतरकर नीचे चली जातीं।
6.
उसे देखते ही साइकिल-सवार, पैदल, इक्के-सभी सवारियां कई फर्लांग पहले ही से खौफ के मारे सड़क से उतरकर नीचे चली जातीं।
7.
इधर पैदल आने-जाने लगे हैं क् योंकि उनके बच् चे आधुनिक युवा हो चले हैं और उन् हें अपने पिता का साइकिल-सवार होना सख् त नागवार गुज़रता है।
8.
कहीं-कहीं कोई साइकिल-सवार पानी से सराबोर गुज़रता नज़र आ जाता था! ठेले, रिक्शे या तो अपने खटालों पर या किसी पेड़ के नीचे शरण लिए खड़े थे।
9.
घुड़सवारी पाली पोशाक में साइकिल-सवार होकर डब वह पहली बार निकला था तब उसके जीजी नरेन्द्र कृष्ण पन्त ने पूछा था, “ यार, पोशाक से तू तो पूरा घुड़सवार बना हुआ है, तेरे इस घोड़े का नाम क्या है रे? ” हरिया ने साइकिल का नाम बताया और उस दिन से वह समाज में हरिया हरक्यूलीज के नाम से मशहूर हुआ।