| 1. | अलौकिक सन्निकर्ष तीन हैं-सामान्यलक्षण, ज्ञानलक्षण और योगज।
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| 2. | अलौकिक सन्निकर्ष तीन हैं-सामान्यलक्षण, ज्ञानलक्षण और योगज।
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| 3. | सामान्यलक्षण-ज्ञातसामान्य या सामान्यज्ञान को सामान्यलक्षणसन्निकर्ष कहा जाता है।
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| 4. | सामान्यलक्षण-ज्ञातसामान्य या सामान्यज्ञान को सामान्यलक्षणसन्निकर्ष कहा जाता है।
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| 5. | सामान्यलक्षण, ज्ञानलक्षण, योगज यह तीन प्रकार माने हुए है।
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| 6. | इसे न्याय वैशेषिक में सामान्यलक्षण और ज्ञानलक्षण सन्निकर्ष कहा गया है।
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| 7. | साधनप्रवृत्त, अपोहप्रवृत्त, सामान्यलक्षण, सविकल्प, निर्विकल्प इत्यादि का स्वरूप एवं विचार सौत्रान्तिकों के समान ही इस मत में भी मान्य हैं।
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