वेदों का ज्ञान शाश्वत् सार्वदैशिक सर्वाकालिक एवं मानवमात्र के लिए सामन रूप से कलयाणकारी है।
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भिन्न-भिन्न प्रांतीय परिधानों की अपेक्षा तो एक सार्वदैशिक योरोपीय परिधान का होना कहीं अच्छा है।
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वेदों का ज्ञान शाश्वत् सार्वदैशिक सर्वाकालिक एवं मानवमात्र के लिए सामन रूप से कलयाणकारी है।
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अभी भारत को एक सार्वदैशिक परिधान के लिए बहुत दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा;मगर जब तक वह समय नहीं आता, तब तक के लिए हमारे विचार में इस नीति को सामने रखना चाहिए,कि यथासध्य जनरुचि का सम्मान किया जाए।