वेब की सीमाओं और सीमाहीनता की इन्गिति के इस इंट्रो के लिए शुक्रिया!
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वहाँ सीमाहीनता की बात हो रही थी और खेलों के जज्बे की मदद से भाईचारा बढाने की.
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सुख और स्वतंत्रता स्मरणीय है जीवन यदि हो निरभ्र आकाश सा बदली हो या चमकती धूप छटती है क्योंकि छटनी है रह जाता है नीलाम्बर का एहसास व्यापक अनन्त सीमातीत क्या सीमाहीनता सुख है?
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भले ही दिखूं मैं कठपुतले सा यह सीमितता नहीं है मेरी परतंत्रता सीमाहीनता होगी समस्या असीम की मैं तो हूँ उन्मुक्त सतत लांघने नई सीमाओं को सीमाओं का होना ही अर्थ देता है अनधीनता को कठपुतले को भी ध्यान से तो देखो मखौल उड़ाता मुझे दिखता वह देखने वालों का और उसे नचाती बेजार उँगलियों का