नवरात्रका प्रयोग प्रारम्भ करनेके पहले सुगन्धयुक्त तैलके उद्व
2.
स्वाद और सुगन्धयुक्त मदिरा या फ़्लेवर्ड लिकर (
3.
अलफांसो:-इसका फल मध्यम आकार, सुगन्धयुक्त और मीठा होता है.
4.
एक प्रकार का सुगन्धयुक्त पौधा (
5.
फिर अनेक प्रकार के सुगन्धयुक्त फूलों से उसे सजाया गया।
6.
गुच्छे मध्यम, लम्बे, बेलनाकार सुगन्धयुक्त एवं गठे हुए होते हैं।
7.
भोजन के पश्चात सुगन्धयुक्त पान अर्पित करना विशिष्ट शिष्टाचार माना जाता था।
8.
नवरात्रका प्रयोग प्रारम्भ करनेके पहले सुगन्धयुक्त तैलके उद्वर्तनादिसे मङ्गलस्त्रान करके नित्यकर्म करे और
9.
नवरात्रका प्रयोग प्रारम्भ करनेके पहले सुगन्धयुक्त तैलके उद्वर्तनादिसे मङ्गलस्त्रान करके नित्यकर्म करे और स्थिर शान्तिके पवित्र स्थानमें शुभ मृत्तिकाकी वेदी बनाये ।
10.
सबसे पहले वैदिक विधि के अनुसार विवाह के लिये वेदी का निर्माण करा के उसे अनेक प्रकार के सुगन्धयुक्त फूलों से उसे सजाया गया।