| 1. | छोटे-छोटे कणों के कारण सुघट्यता बढ़ती है।
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| 2. | 3 मिट्टी की सुघट्यता और संसंजन (
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| 3. | संसंजन और सुघट्यता का परस्पर संबंध है।
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| 4. | (३) उँगली से कुरेदने पर सुघट्यता का अनुभव होता है।
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| 5. | मिट्टी की सुघट्यता और संसंजन (
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| 6. | कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति से भी मिट्टी में सुघट्यता आती हैं।
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| 7. | (2) किसी निम्नतम कठोरता या पुष्टता पर चिमड़ेपन (टफ़नेस) अथवा सुघट्यता (प्लैस्टिसिटी) में वृद्धि।
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| 8. | (2) किसी निम्नतम कठोरता या पुष्टता पर चिमड़ेपन (टफ़नेस) अथवा सुघट्यता (प्लैस्टिसिटी) में वृद्धि।
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| 9. | ने सुघट्यता की चार अवस्थाएँ बतलाई हैं, जो जल की मात्रा पर निर्भर करती हैं।
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| 10. | (6) खरादने इत्यादि की क्रिया सुगमता से कर सकने के विचार से कड़ाई को सुरक्षित रखकर सुघट्यता में कमी।
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