राजस्व वसूलने वाले सुपुर्ददार बड़े लोगों ने भी ख़ुदकाश्त और मीरासदार के तौर पर अपनी ज़मीन पर भाड़े की खेती करानी शुरू कर दी थी।
2.
पहले भी वे जनता की सेवा जज के इजलास में जूरी और अफसर बनकर, दीवानी के मुकदमों में जायदादों के सुपुर्ददार होकर और गाँव के जमींदारों में लम्बरदार के रूप में करते थे।