वे पूँजीवादी व्यवस्था की दूसरी सुरक्षा-पंक्ति का काम करते हैं।
2.
संसदीय वामपन्थी बुर्जुआ जनवादी व्यवस्था की दूसरी सुरक्षा-पंक्ति की भूमिका निभाता है।
3.
1951 में तेलंगाना की पराजय के बाद यहाँ की कम्युनिस्ट पार्टी पूरी तरह संसदमार्गी होकर पूँजीवादी सत्ता की ही एक सुरक्षा-पंक्ति बनकर रह गयी और भगतसिंह के विचारों एवं सपनों का वारिस बन पाने का हक पूरी तरह खो बैठी।
4.
उनके फ्कम्युनिज्म ' ' को लेकर जनता को कोई भ्रम नहीं रह गया है और इस मायने में उनकी एक भूमिका (भ्रमोत्पादक की भूमिका) तो समाप्त हो चुकी है, लेकिन फ्वाम '' सुधारवादी राजनीतिक शक्ति के रूप में पूँजीवाद की दूसरी सुरक्षा-पंक्ति के रूप में उनकी भूमिका अभी भी क़ायम है।