लेखक, संगीत कार, और फिल्मकार डॉ संगीता दत्ता ने संचालन की बागडोर सुविज्ञतापूर्वक संभाली।
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लेखक, संगीत कार, और फिल्मकार डॉ संगीता दत्ता ने संचालन की बागडोर सुविज्ञतापूर्वक संभाली।
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लेखक, संगीत कार, और फिल्मकार डॉ संगीता दत्ता ने संचालन की बागडोर सुविज्ञतापूर्वक संभाली।
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मानव अपने मस्तिष्क का सुविज्ञतापूर्वक, सुव्यवस्थित एवं संतुलित दोहन करके ही विश्व स्तर पर व्यापक संवाद स्थापित करने में समर्थ हुआ है और चहुँमुखी विकास के उपरांत उसने मानवीय आवश्यकता के प्रथम चरण संवाद-स्थापन को ही विकृत करना आरंभ कर दिया है।