और सुनोगे-वे हमारे ही दिन तो थे, जब एक साधारण योद्धा ने स्वयं भगवान को ही ललकार कर कहा था-“ सूच्यग्र न दास्यामि विना युद्धे न केशव!”
4.
महाराजाधिराज कुछ भी करें लेकिन ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो तुम्हारे हितों के विरुद्ध हो. मैं यहाँ तक कहता हूँ कि पांडवों को पाँच गाँव तक नहीं मिलेंगे. दुर्योधनः पाँच गाँव क्या मामाजी, मैं उन्हें पाँच बीघा जमीन तक न दूंगा. शकुनिः हाँ अवश्य. उन्हें यह भी मालूम नहीं कि एक बीघा जमीन कितनी होती है. दुर्योधनः मैं उन्हें सूच्यग्र भूमि तक न दूँगा...
परिभाषा
जिसकी नोक सूई के समान नुकीली हो:"घास की सूच्यग्र पत्तियों से शरीर छिद गया है"
सूई की नोक के बराबर अर्थात् बहुत ही थोड़ा:"घर तो क्या इसका सूच्यग्र भाग भी मैं तुम्हें नहीं दूँगा"
सूई की नोक:"उँगली में सूच्यग्र के धँसते ही रक्त निकलने लगा" पर्याय: सूचिशिखा,