दुखों की स्याहियों के बीच अपनी ज़िंदगी ऐसी कि जैसे सोख़्ता हो।
7.
देखें ॰ दुखों की स्याहियों के बीच अपनी ज़िंदगी ऐसी कि जैसे सोख़्ता हो।
8.
अँधेरी खाइयों के बीच / कुँअर बेचैन दुखों की स्याहियों के बीच अपनी ज़िंदगी ऐसी कि जैसे सोख़्ता हो।
9.
हमारे देशी भाषाओं के अखबार देशी अंग्रेजी अखबारों के ब्लॉटिंग पेपर (सोख़्ता) जैसे हैं तथा हमारे अंग्रेजी अखबार ज्यादातर पश्चात्य पत्रों का अनुकरण हैं ।
10.
१ ९ ४ २ में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के रजत जयन्ती समारोह के अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा था कि ” हमारे देश के विश्वविद्यालय पश्चिम के विश्विद्यालयों के ‘ सोख़्ता ' हैं ।