इस प्रकार के लक्षण में भी स्ट्रैमोनियम औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
2.
ऐसे में बच्चे को स्ट्रैमोनियम औषधि की 200 शक्ति की मात्रा देनी चाहिए।
3.
-स्ट्रैमोनियम 3 एक्स, 6, 30-अत्यधिक क्रोधयुक्त अथवा डरावने उन्माद रोग में यह लाभकर है।
4.
पागलपन की ऐसी अवस्था में बेलाडोना हायोसायमस और स्ट्रैमोनियम को लक्षणों के हिसाब से दिया जाना चाहिए।
5.
पागलपन की ऐसी अवस्था में बेलाडोना हायोसायमस और स्ट्रैमोनियम को लक्षणों के हिसाब से दिया जाना चाहिए।
6.
भय के कारण नर्त्तन रोग से पीड़ित रोगी को ऐकोनाइट, इग्नेशिया या स्ट्रैमोनियम औषधि सेवन कराना चाहिए।
7.
चिकित्सा स्ट्रैमोनियम 3 एक्स, 6, 30-अत्यधिक क्रोधयुक्त अथवा डरावने उन्माद रोग में यह लाभकर है।
8.
रोगी के इस प्रकार की अवस्था में स्ट्रैमोनियम औषधि की 30 या 200 शक्ति का सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है।
9.
कान के किसी रोग के कारण चक्कर आने पर चिकित्सा करने के लिए जेल्सिमियम औषधि की 3 x मात्रा से 30 शक्ति, स्ट्रैमोनियम औषधि की 3 x मात्रा से 30 शक्ति या कास्टिकम औषधि की 6 से 30 शक्ति का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
10.
अगर टैटनस के रोगी को बेहोशी सी छाई रहती है, गला बन्द सा हो जाता है, छाती सुन्न सी महसूस होती है तथा ज्यादा तेज रोशनी में आते ही या किसी के द्वारा छू देने से ही रोग बढ़ जाता है तो इस प्रकार के लक्षणों में रोगी को स्ट्रैमोनियम औषधि की 30 शक्ति देना लाभकारी माना जाता है।