| 1. | स्वयंभू लोक की स्थिति 48 स्तोम तक जाती है।
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| 2. | सूर्य की स्थिति इक्कीसवें स्तोम पर है।
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| 3. | ‘ कथा राधाम सखाय: स्तोम मित्रस्यार्यम्ण: ।
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| 4. | सूर्य पृथ्वी से 21 स्तोम दूर है।
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| 5. | वस्तु की अगिA-सोम रूप महिमा 33 स्तोम तक जाती है।
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| 6. | मूलत: साम की केन्द्र की दूरी का सूत्र 33 स्तोम है।
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| 7. | दो अश्वनी कुमार मध्य केन्द्र (17 वें स्तोम पर) होते हैं।
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| 8. | इन्द्र प्राण 33 वें स्तोम तक शुद्ध सोम में रूपान्तरित हो जाता है।
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| 9. | इन्द्र प्राण कूटस्थ भाव को तैंतीसवें स्तोम अर्थात परमेष्ठी लोक तक ले जाता है।
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| 10. | इसके ऊपर 33 स्तोम पर परमेष्ठी मण्डल का, सोम मण्डल का, केन्द्र है।
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