“यह बड़ी विचित्र बात है कि विशेषज्ञ सिर्फ कुंडियों और तालाबों की बात करते हैं” भट्टी का आगे कहना था कि, “यूं तो इन ढांचों का काफी मोल है, परन्तु ऐसी भी व्यवस्थाएं मौजूद हैं, जो कि बड़े घनिष्ठ रूप से क्षेत्र विशेष के जल विज्ञान, स्थलाकृति-विज्ञान और अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई हैं।