सफेद और काली स्पर्श-रेखा क्रमशः हाथी-दांत और आबनूस से बनी होती थीं, लेकिन वर्तमान में लकड़ी की कुंजियों को ढकने के लिए प्लास्टिक जैसे कृत्रिम सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है.
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सफेद और काली स्पर्श-रेखा क्रमशः हाथी-दांत और आबनूस से बनी होती थीं, लेकिन वर्तमान में लकड़ी की कुंजियों को ढकने के लिए प्लास्टिक जैसे कृत्रिम सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है.
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“ संशयों में शब्द सीमित ही तो रहते हैं ये तुमने क्या कहा? भावनाओं को कहीं नज़दीक से छूकर गुजरती स्पर्श-रेखा सी तुम्हारी याद शून्य में संगीत देती है मेरे खून से भी खूबसूरत याद तेरी मेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक दे रही है और इस धडकनों के शोर में तेरे अहसास का संगीत आकार लेता है सुना है समंदर अपने किनारों से टकरा कर अक्सर लौट जाता है. ”-राजीव चतुर्वेदी