तालव्य ध्वनियों का ऐसा ही व्यंजन वर्ग स्पर्श-संघर्षी व्यंजन ध्वनियों के अंतर्गत आता है यद्यपि इसे भी कुछ भाषाविदों ने स्पर्श ध्वनियों के साथ रखा है।
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तालव्य ध्वनियों का ऐसा ही व्यंजन वर्ग स्पर्श-संघर्षी व्यंजन ध्वनियों के अंतर्गत आता है यद्यपि इसे भी कुछ भाषाविदों ने स्पर्श ध्वनियों के साथ रखा है।
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तालव्य ध्वनियों का ऐसा ही व्यंजन वर्ग स्पर्श-संघर्षी व्यंजन ध्वनियों के अंतर्गत आता है यद्यपि इसे भी कुछ भाषाविदों ने स्पर्श ध्वनियों के साथ रखा है।
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इस वर्ग की प्राचीन भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के व्यंजन: क्य, ग्य और घ्य, स्पर्श-संघर्षी या संघर्षी व्यंजनों में बदल गये, जैसे: च, ज, स, और श ।
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इस वर्ग की प्राचीन भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के व्यंजन: क्य, ग्य और घ्य, स्पर्श-संघर्षी या संघर्षी व्यंजनों में बदल गये, जैसे: च, ज, स, और श ।
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इनमें शामिल हैं ग्रसनी और बलाघाती व्यंजन, सघोष और अघोष विराम, अघोष संघर्षी और सघोष और अघोष स्पर्श-संघर्षी. इसमें तीन लंबे और तीन छोटे स्वर हैं, जो परवर्ती मिस्र में लगभग नौ तक विस्तृत हुए.
7.
इसी प्रकार के अन्य तीन स्पर्श व्यंजन वर्ग हैं-दंत्य / ट्, ड्, ट्ह्, ड्ह्/(त, द, थ, ध): मूर्धन्य/ट्, ड्, ट्ह्, ड्ह्/(ट, ड, ठ, ढ) और कंठ्य/क्, ग्,, क्ह्, ग्ह्/(क, ग, ख, घ) तालव्य ध्वनियों का ऐसा ही व्यंजन वर्ग स्पर्श-संघर्षी व्यंजन ध्वनियों केअंतर्गत आता है यद्यपि इसे भी कुछ भाषाविदों ने स्पर्श ध्वनियों के साथ रखा है.
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इसी प्रकार के अन्य तीन स्पर्श व्यंजन वर्ग हैं-दंत्य / ट्, ड्, ट्ह्, ड्ह्/(त, द, थ, ध): मूर्धन्य/ट्, ड्, ट्ह्, ड्ह्/(ट, ड, ठ, ढ) और कंठ्य/क्, ग्,, क्ह्, ग्ह्/(क, ग, ख, घ) तालव्य ध्वनियों का ऐसा ही व्यंजन वर्ग स्पर्श-संघर्षी व्यंजन ध्वनियों केअंतर्गत आता है यद्यपि इसे भी कुछ भाषाविदों ने स्पर्श ध्वनियों के साथ रखा है.
9.
नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।
10.
नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि 1 है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य 2 है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य 3 है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य 4 एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।