हालांकि इस्लाम की ओर धर्मांतरण इसके सर्वाधिक समर्थित तत्वों में से एक है, लेकिन इस्लाम से किसी अन्य धर्म में धर्मांतरण को स्वधर्म-त्याग का पाप माना जाता है, और कुछ व्याख्याओं के अनुसार और कुछ न्यायिक क्षेत्राधिकारों के अंतर्गत इसके लिये मृत्यु-दंड का प्रावधान है.
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हालांकि इस्लाम की ओर धर्मांतरण इसके सर्वाधिक समर्थित तत्वों में से एक है, लेकिन इस्लाम से किसी अन्य धर्म में धर्मांतरण को स्वधर्म-त्याग का पाप माना जाता है, और कुछ व्याख्याओं के अनुसार और कुछ न्यायिक क्षेत्राधिकारों के अंतर्गत इसके लिये मृत्यु-दंड का प्रावधान है.
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इस्लामी कानून का पालन करने वाले अनेक इस्लामी देशों, सउदी अरब, येमन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईजिप्त, इरान, मालदीव में स्वधर्म-त्याग को गैर-कानूनी घोषित किया गया है और इस्लाम का त्याग करने वालों या अन्य मुस्लिमों को इसके लिये उकसाने वालों के लिये कारावास या मृत्यु-दण्ड का प्रावधान है.