| 1. | जैसा दिखला चुके हैं, उनमें से प्रथम अर्थात् स्वयंकृत
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| 2. | स्वयंकृत कृषि आदि का ही प्रकरण हैं।
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| 3. | उन्होंने स्वयंकृत कृषि का अनापत्ति में निषेध किया हैं।
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| 4. | स्वयंकृत ही कृष्यादि आपत्तिकाल में ब्राह्मण की जीविकाएँ हैं; क्योंकि
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| 5. | इसलिए पूर्वोक्त व्यवस्थानुसार स्वयंकृत कृषि आदि का ही प्रकरण हैं।
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| 6. | वहाँ पर सभी जगह केवल स्वयंकृत कृषि आदि का निषेध समझना चाहिए।
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| 7. | अनापत्ति काल में अस्वयंकृत को ही जानना चाहिए, न कि स्वयंकृत को।
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| 8. | स्वयंकृत कृष्यादि का विधान पूर्वसिद्धकर आये हैं, और विहित कर्म करने से
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| 9. | इसीलिए आगे चलकर उन्होंने स्वयंकृत कृषि का अनापत्ति में निषेध किया हैं।
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| 10. | तीनों अथवा प्रथम के दो ही दो प्रकार के होते हैं-(1) स्वयंकृत अर्थात्
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