ऐसा समजकर, मतिमान इन्सान ने स्वस्थान का त्याग नहीं करना चाहिए ।
5.
इसी प्रकार से विज्ञजन के मतानुसार किसी व्यक्ति को स्वस्थान (अपना गुण, सत्कार्य इत्यादि) का त्याग नहीं करना चाहिए।
6.
इसी प्रकार से विज्ञजन के मतानुसार किसी व्यक्ति को स्वस्थान (अपना गुण, सत्कार्य इत्यादि) का त्याग नहीं करना चाहिए।
7.
पवित्र नदी गंगा वर्ष में एक बार काली गाय के रूप में नर्मदा में स्नान करने आती है और पवित्र होकर श्वेतवर्णी गाय के रूप में फिर से स्वस्थान लौट जाती है ।
8.
जनश्रुति है कि पवित्र नदी गंगा वर्ष में एक बार काली गाय के रूप में नर्मदा में स्नान करने आती है और पवित्र होकर श्वेतवर्णी गाय के रूप में फिर से स्वस्थान लौट जाती है.
9.
जनश्रुति है कि पवित्र नदी गंगा वर्ष में एक बार काली गाय के रूप में नर्मदा में स्नान करने आती है और पवित्र होकर श्वेतवर्णी गाय के रूप में फिर से स्वस्थान लौट जाती है.
10.
तुला के सूर्य में चतुर्दशी या अमावस्या के दिन प्रदोष काल में मनुष्य दीप लेकर पितरों का आशीर्वाद लें, कन्या संक्रांति में पितृ श्राद्ध पक्ष होता है-तुला संक्रांति में पितृगण स्वस्थान में होते हैं।