आर. एन. अग्रवाल ने इसे शुभचिन्तक स्वेच्छाचारितावाद की संज्ञा दी है।
2.
यह स्वेच्छाचारितावाद इस अर्थ में था कि ब्रिटिश सरकार पहले की भाँति अनुत्तरदायी बनी रही, शुभचिन्तक इस अर्थ में कि इस अधिनियम के द्वारा भारतीय शासन में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने का प्रयत्न किया गया।