गुण: वन सांगली के फलों का रस हृदयशक्तिवर्द्धक, हृदय और उसके कार्य सम्बन्धी रोगों जैसे-सांस-कृच्छता, हृदयावरोध आदि में बहुत उपयोगी है।
2.
इसमें बिना किसी कारण के घर का ढह जाना, घर में आग लग जाना, लकवा, रक्त चाप, हृदयावरोध, श्वासावरोध, नाडिव्रण, तथा जघन्य नरसंहार जैसी दुर्घटनाएं जन्म लेती है.
3.
21 श्वासरोग:-अंजीर और गोरख इमली (जंगल जलेबी) 5-5 ग्राम एकत्रकर प्रतिदिन सुबह को सेवन करने से हृदयावरोध (दिल की धड़कन का अवरोध) तथा श्वासरोग का कष्ट दूर होता है।