संस्कृत के हृद् में मूल ध्वनि ह है जो कण्ठ्य संघर्षी है।
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प्रमोटर और एक मस्तिष्क एवं हृद्-पेशी का शोथ वायरस (
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संस्कृत के हृद् में मूल ध्वनि ह है जो कण्ठ्य संघर्षी है।
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संस्कृत के हृद् में मूल ध्वनि ह है जो कण्ठ्य संघर्षी है।
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उस दिन नीरज जी को जो सुना वह आज तक हृद् य पर अंकित है।
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या एल प्रोटीन का खुला पढ़ने फ्रेम (ओआरएफ) मस्तिष्क एवं हृद्-पेशी का शोथ (
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संस्कृत हृदय के मूल में हृद् है जिसका अर्थ है दिल और इसके लिए भाषा वैज्ञानिकों ने मूल इंडो-यूरोपीय धातु कर्द
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सं स्कृत हृदय के मूल में हृद् है जिसका अर्थ है दिल और इसके लिए भाषा वैज्ञानिकों ने मूल इंडो-यूरोपीय धातु कर्द
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सं स्कृत हृदय के मूल में हृद् है जिसका अर्थ है दिल और इसके लिए भाषा वैज्ञानिकों ने मूल इंडो-यूरोपीय धातु कर्द kerd तलाश की है जिसका आधार ग्रीक का कार्दिया kardia है।