| 1. | रक्तसंलयी हृद्पात SCD के खतरे को 5 गुना बढ़ा देता है.
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| 2. | गंभीर रोधगलन से हृद्पात हो सकता है, लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं है.
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| 3. | हृद्पात के मुख्य लक्षण श्वास कष्ट, पैरों में सूजन, थकावट आदि हैं।
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| 4. | इसे डोक्सोरुबीसिन और इपिरुबीसिन के साथ लेने पर हृद्पात का खतरा अधिक रहता है।
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| 5. | गंभीर रोधगलन से हृद्पात हो सकता है, लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं है.
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| 6. | ये उन लोगों को नहीं दिए जाते हैं जिन्हें पहले ही हृद्पात हो चुका हो।
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| 7. | साथ ही यह हृद्पात से भी अलग होता है, जिसमें दिल को पंप करने में असमर्थ होता है;
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| 8. | हृद्पात चिन्ह युक्त माताओं की चिकित्सा--इन रोगिणियों को तुरंत हॉस्पिटल मेंभर्ती कर लेना चाहिए एंव निन्मलिखित चिकित्सा करनी चाहिए.
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| 9. | साथ ही यह हृद्पात से भी अलग होता है, जिसमें दिल को पंप करने में असमर्थ होता है ;
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| 10. | इसके कुप्रभाव दस्त, मितली, उबकाई, त्वचा में चकत्ते, हेन्डफुट सिन्ड्रोम, यकृत विकार, हृद्पात आदि होते हैं।
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