आपकी डाँवाडोल, अदृढ श्रद्धा को चुराने के लिए, सेवा, परोपकार और सरलता का स्वांग रचकर ठग, आपकी आस्था को लूटेने के लिए तैयार बैठे है।
2.
महाबली देशों यथा अमरीका जैसों के प्रति गुरूदेव का दृष् टिकोण संभवतः ऐसा होगा-' एरण् डंवलस् यम् व् य कुर्जरं न कोपयेत् अर्थात् अदृढ, अरंड के पेड़ का आसरा लेकर महाकाय हाथी को कुपित मत करो।