यदि किसी के विरुद्ध प्रकाशितरूप में या लिखितरूप में झूठा आरोप लगाया जाता है या उसका अपमान किया जाता है तो यह “ अपलेख ” कहलाता है।
2.
“इसे तुमने उस क्लोरीशियन के अपलेख में पढ़ा है, जिसने अश्रद्धा के पाप के स्वाँगों को दोषमुक्त करने का प्रयत्न किया था, और जिसका कहना है कि एक डॉक्टर ने किसी बीमार आदमी को हँसाकर भला-चंगा कर दिया था।