आलोचना इसी सुपाठ्य को पढ़कर खंगालना है. ३. रचना यदि आख्येय है तो आलोचना उसकी व्याख्या, पर व्याख्या में स्वानुभूति, conditioning, समाज की पूर्व अवधारणाएँ, देश, काल, परिपाटियाँ आदि बाधक हो सकती हैं.
परिभाषा
जो वर्णन करने योग्य हो या जिसका वर्णन किया जा सके:"आज जो कुछ भी मेरे साथ घटा वह वर्णनीय है" पर्याय: वर्णनीय, कथनीय, वर्ण्य, अभिधेय,