| 1. | कुछ लाइकेनों में शाखाओं की भाँति उद्वर्ध (
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| 2. | स्तनधारी प्राणियों के बाह्य चर्म का उद्वर्ध (
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| 3. | दीर्घीकरण क्षेत्र के ठीक ऊपर अधिचर्म कोशिकाएँ लंबी बेलनाकार उद्वर्ध (0
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| 4. | कीटों के शरीर पर जो तंतुमय उद्वर्ध होते हैं, उन्हें भी बाल कहते हैं।
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| 5. | ये उद्वर्ध आसानी से पृथक् हो जाते हैं और उचित वातावरण में नए पौधों को जन्म देते हैं।
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| 6. | ये उद्वर्ध आसानी से पृथक् हो जाते हैं और उचित वातावरण में नए पौधों को जन्म देते हैं।
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| 7. | कुछ लाइकेनों में शाखाओं की भाँति उद्वर्ध (outgrowth) वृद्धियाँ होती हैं, जिनमें शैवाल तथा कवक दोनों ही के अंश होते हैं।
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| 8. | दीर्घीकरण क्षेत्र के ठीक ऊपर अधिचर्म कोशिकाएँ लंबी बेलनाकार उद्वर्ध (0 utgrowth) उत्पन्न करती हैं, जिन्हें मूलरोम (root hair) श्कहते हैं।
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