स्नेप ने थोड़ी ज़्यादा तेज़ी से कहा, ‘इसलिए तुम्हारी रक्षा भी उतनी ही लचीली और उपायकुशल होनी चाहिए, जितनी कि वे कलाएँ हैं, जिनसे तुम मुक़ाबला करना चाहते हो ।
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दूसरी ओर, मैं आपसे याचना करता हूँ कि ये न सोचें कि आप आत्मिक रूप से इतने गहरे या उपायकुशल या समृद्ध या अनुशासित हैं कि आप बिना रचनाओं की सहायता के कर सकते हैं।