| 1. | कटि-स्नान सप्ताह में 2 बार करना चाहिए।
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| 2. | घर्षण कटि-स्नान से रोगों में लाभ-
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| 3. | जीर्ण रोगों में 1-2 बार ही कटि-स्नान करना चाहिए।
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| 4. | घर्षण कटि-स्नान शुरू-शुरू में 5 से 10 मिनट तक करना चाहिए।
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| 5. | कटि-स्नान से शरीर में स्फूर्ति व ताजगी का संचार होता है।
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| 6. | उसके पश्चात् कटि-स्नान या मेहन स्नान अथवा साधारण स्नान देना चाहिए।
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| 7. | कटि-स्नान को सुबह शौच आदि से आने के बाद खाली पेट करना चाहिए।
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| 8. | नाभि पर मिट्टी बांधने के बाद कटि-स्नान लेना अधिक लाभकारी सिद्ध होता है।
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| 9. | कुछ रोगों की अवस्था में कटि-स्नान के बदले मेहनस्नान करना अधिक लाभकारी होता है।
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| 10. | कटि-स्नान के लिए पहले सामान्य हल्के तापमान वाले पानी में रोगी को स्नान कराना चाहिए।
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