| 1. | विधि: उत्तानपादासन के बाद कटिचक्रासन का अभ्यास करें।
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| 2. | विधि: कटिचक्रासन के बाद नाभ्यासन का अभ्यास करें।
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| 3. | कटिचक्रासन रीढ से संबंधित समस्याओं को दूर करता है.
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| 4. | कटिचक्रासन करते हुए पैरों के तलवे ज़मीन से उठना नहीं चाहि ए.
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| 5. | योगासन भुजंगासन, अर्ध्यमत्स्येंदासन, मकरासन, गोमुखासन और कटिचक्रासन स्पाइन के लिए फायदेमंद हैं।
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| 6. | आवृत्ति: कटिचक्रासन का अभ्यास दोनों पैरों से दो बार अलग-अलग कर लें।
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| 7. | कटिचक्रासन कमर, गर्दन और पीठ की जकड़न दूर करता है.
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| 8. | * खड़े होकर: सावधान मुद्रा में खड़े होकर कटिचक्रासन फिर त्रिकोणासन करें।
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| 9. | शारीरिक और मानसिक तनाव दूर करने में कटिचक्रासन की महत्वपूर्ण भूमिका है.
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| 10. | आंजनेय आसन, कटिचक्रासन, ब्रह्म मुद्रा और शीर्षासन को अच्छे से सीखकर करें।
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