कुछ तिब्बती बौद्ध गुह्यतंत्र को अन्य कुछ नहीं बस मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को निष्कासित कर इसे प्रज्ञावान मस्तिष्क में रूपांतरित करने हेतु एक रूपक प्रतीकात्मकता के रूप में मानते हैं.
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कुछ तिब्बती बौद्ध गुह्यतंत्र को अन्य कुछ नहीं बस मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को निष्कासित कर इसे प्रज्ञावान मस्तिष्क में रूपांतरित करने हेतु एक रूपक प्रतीकात्मकता के रूप में मानते हैं.