ग्राम्यता, जनपदीयता के ललित सौंदर्य-बोध व महानगरीय विरूपता
2.
वे भूले-से हुए थे कि इस जगह जोर-जोर से बोलना तो ग्राम्यता की निशानी थी।
3.
कहीं-कहीं उनमें ग्राम्यता है, पर उक्ति की सहजता में वह ग्राम्यता तिरोहित हो जाती है।
4.
कहीं-कहीं उनमें ग्राम्यता है, पर उक्ति की सहजता में वह ग्राम्यता तिरोहित हो जाती है।
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कहीं-कहीं उनमें ग्राम्यता है, पर उक्ति की सहजता में वह ग्राम्यता तिरोहित हो जाती है।
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कहीं-कहीं उनमें ग्राम्यता है, पर उक्ति की सहजता में वह ग्राम्यता तिरोहित हो जाती है।
7.
अकारण नहीं है कि तथाकथित शिष्ट शास्त्रीय विवेचन में ग्राम्यता को एक ' दोष' माना गया है.
8.
पाण्डेय जी ने बताया था कि यह भी एक विचारधारा है-संस्कृत साहित्य के संदर्भ में-जो ग्राम्यता को दोष मानती है.
9.
ऐसे ही लोक साहित्यों में भोजपुरी लोक साहित्य ग्राम्यता के साथ जीवन के मर्म को बखूबी समेटे हुए है, जिसकी मौलिकता और विश्वसनीयता अटूट है।
10.
ग्राम्यता एक ऐसा संस्कार है, जिसकी विद्या, बुद्धि, विश्वास और कार्य का ग्राम-सीमा के बाहर से कुछ संबंध नहीं, अर्थात वह ग्राम-सीमा में ही आबद्ध रहता है।