| 1. | स्त्रियों की प्रकृति की जैसी तद्रूप छाया हम
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| 2. | तदाकार होता है तो तद्रूप होता ही है।
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| 3. | जीवन और सुख तद्रूप हैं, पर्यायवाची हैं।
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| 4. | भगवान् में स्थित होकर मन को तद्रूप बनाना।
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| 5. | तद्रूप आनन्दस्वरूप होकर आत्मस्वरूप होकर रह जाता है।
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| 6. | तदाकार होने पर तद्रूप होते ही हैं।
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| 7. | तद्रूप होने पर हम प्रमाणित होते हैं।
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| 8. | तद्रूप विधि से मनुष्य प्रमाणित होता है।
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| 9. | तदाकार होने के बाद तद्रूप होना शेष रहता है।
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| 10. | तदाकार और तद्रूप दोनों एक साथ हैं।
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