जैन धर्म के प्रमुख सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-निवृत्तिमार्ग जैन धर्म भी बौद्ध धर्म के समान निवृत्तिमार्गी था।
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अब समय आ गया है यह तोता रटंत बन्द हो जाना चाहिये कि भारतीय सभ्यता अव्यावहारिक, निवृत्तिमार्गी और जीवन विरोधी है।
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उस दौर में और भी, जहाँ संपत्ति-संग्रह की दौड़ में निवृत्तिमार्गी माने जाने वाले महात्माओं ने प्रवृत्तिमार्गी दुनियादारों से आगे निकलने की होड़ लगा रखी है।